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चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष CBI अदालत ने साढ़े तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस फैसले के बाद अब लालू प्रसाद जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव इस ओर इशारा भी कर चुके हैं। मगर इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि लालू की सजा का बिहार की राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है।
लालू के जेल जाने के बाद पहला सवाल यह है कि अब पार्टी की बागडोर किसके हाथों में होगी। उनकी गैर-मौजूदगी में पार्टी आगे बढ़ पाएगी या फिर टूट की स्थिति पैदा हो सकती है। हालांकि, तेजस्वी को लालू के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता है। वहीं, यदि इसी बीच तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के मामले में शिकंजा कसता है, तो पार्टी और परिवार के लिए मुश्किलें और भी बढ़ जाएंगी।
लालू के जेल जाने के बाद कांग्रेस-राजद गठबंधन पर असर भी तय माना जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उनसे काफी उम्मीदें थीं। दूसरी तरफ राहुल गांधी के लिए चारा घोटाला मामले में दोषी लालू की पार्टी के साथ लोकसभा चुनाव में रहना उनकी छवि के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि उसका गठबंधन किसी व्यक्ति विशेष के साथ नहीं है।
उधर, लालू के जेल जाने के बाद अब नीतीश को एनडीए में वापसी को सही ठहराने का एक मौका मिल गया। नीतीश कह सकते हैं कि राजद के भ्रष्टाचार से वे मुक्ति चाहते थे। इन सभी स्थितियों का आपने भी आकलन किया होगा। ऐसे तमाम विचार आपके मन में भी आए होंगे। आप अपनी राय, अपने विचार ‘जागरण जंक्शन’ पर ब्लॉग के माध्यम से लोगों तक पहुंचा सकते हैं।
नोट- अपना ब्लॉग लिखते समय इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील व अशोभनीय न हों तथा किसी की भावनाओं को चोट न पहुंचाते हों।
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