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पर्वों और उत्सवों के देश भारत में यूं तो आए दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया ही जाता है लेकिन इन सबके बीच एक त्यौहार ऐसा भी है जिसका उद्देश्य भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और अधिक मजबूत करना है। रक्षाबंधन या राखी चाहे किसी भी नाम से इसे पुकार लें लेकिन इस दिन का महत्व सभी भाई-बहनों के लिए समान रूप से होता है। भाई-बहन का रिश्ता बड़ा अनोखा होता है, वे लड़ते भी हैं, झगड़ते भी हैं और कभी-कभार तो कई दिनों तक एक-दूसरे से बात भी नहीं करते लेकिन जितना सच यह है उतना ही सच है उन दोनों के बीच सौहार्द और अपनेपन का रिश्ता। वह आपस में कितना ही लड़ लें लेकिन अगर इस लड़ाई में कोई तीसरा दखल देता है, फिर चाहे वह अपने माता-पिता ही क्यों ना हों, उन्हें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता।
इस अपनेपन को और बढ़ाने के लिए कुछ ही दिनों में आने वाला है रक्षाबंधन का पर्व। इस दिन को कैसे मनाना है, क्या-क्या करना है यह तो सभी ने निर्धारित कर ही लिया होगा। लेकिन इन हालातों के बीच सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों से विवश होकर आज बहुत से भाई-बहन एक-दूसरे से दूर हैं। जिन बहनों के भाई उनसे दूर हैं उन्होंने अपने भाई के लिए राखी और भाइयों ने भी अपनी बहन के लिए तोहफे भिजवा दिए होंगे। लेकिन अगर आप अपने भाई-बहन को अपनी भावनाओं से भी अवगत करवाना चाहते हैं, उन्हें यह बताना चाहते हैं कि आप उनसे कितना स्नेह करते हैं तो जागरण जंक्शन मंच अपने सभी सम्मानित ब्लॉगरों को अपना ब्लॉग लिखने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान कर रहा है।
आप इस अवसर का लाभ उठाकर अन्य ब्लॉगरों के साथ अपने भाई-बहन से जुड़ी चुलबुली यादों को भी साझा कर सकते हैं और चाहे तो बचपन में गुजारे उन हसीन लम्हों को भी अन्य पाठकों के साथ बांट सकते हैं। क्या पता जो बात आप बोलकर कभी अपने भाई-बहनों को नहीं बता पाए वह आपकी लिखावट बयां कर दे।
नोट: अपना ब्लॉग लिखते समय इतना अवश्य ध्यान रखें कि आपके शब्द और विचार अभद्र, अश्लील और अशोभनीय ना हों तथा किसी की भावनाओं को चोट ना पहुंचाते हों।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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